Small-cap stocks to buy : विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बहुत ही कम समय में इन 2 स्मॉलकैप कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को करीब 27% तक बढ़ा दिया है जो आने वाले समय में इनके स्टॉक्स में तेज़ी आने की संभावना को दर्शाता है।
Small-cap stocks to buy : जब भी किसी कंपनी के फंडामेंटल एनालिसिस की बात होती है तब कई सारे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक पहलू यह होता है कि उस कंपनी की शेयर होल्डिंग पैटर्न कैसी है। यानी उसमें किस तरह के निवेशकों ने निवेश कर रखा है।
आमतौर पर किसी भी कंपनी में उसके प्रमोटर्स की हिस्सेदारी को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। यह उस कंपनी में प्रमोटर्स के भरोसे को दर्शाता है।
लेकिन कई बार किसी अच्छी कंपनी में भी प्रमोटर्स की हिस्सेदारी काफी कम होती है। तब सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण यह हो जाता है कि उस कंपनी में विदेशी संस्थागत निवेशकों तथा घरेलू संस्थागत निवेशकों यानी म्यूचुअल फंड हाउसेज की हिस्सेदारी कितनी है।
ऐसा इसलिए क्योंकि ये वह लोग होते हैं जिनको कंपनी के बारे में प्रमोटर्स के बाद सबसे ज्यादा जानकारी होती है और अगर इनमें से कोई भी निवेशक किसी भी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को बढाते हैं तब यह उस कंपनी में उस निवेशक के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है तथा आने वाले समय में उस कंपनी के शेयर में तेज़ी आने की संभावना को भी दर्शाता है।
नीचे हमने 2 ऐसी कंपनियों के बारे में जानकारी दी है जिसमें विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अक्टूबर 2024 तक अपनी हिस्सेदारी को बढ़ा कर 27% तक दिया है।
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इन दोनों कंपनियों में विदेशी निवेशकों ने बढ़ाई अपनी हिस्सेदारी!
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने गुजरात टूलरूम लिमिटेड (BSE:GUJTLRM) तथा एमओएस यूटिलिटी लिमिटेड (NSE:MOS-ST) में अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाया है। आइए जानते हैं इन दोनों कंपनियों के बारे में-
1. गुजरात टूलरूम लिमिटेड
यह कंपनी कैपिटल गुड्स-नॉन इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट सेक्टर में काम करती है तथा इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 199 करोड़ रुपए है। कंपनी माइंस तथा मिनरल्स के डेवलेपमेंट तथा ऑपरेशन का काम करती है तथा अन्य एलायड एक्टिविटीज को भी देखती है। कंपनी का आरओसीई तथा आरओई क्रमशः 179% तथा 170% है।
इस कंपनी में विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी सितम्बर 2024 के अंत में शून्य प्रतिशत थी जो अक्टूबर 2024 के अंत में कंपनी के द्वारा जारी की गई हालिया शेयर होल्डिंग पैटर्न के अनुसार 27.15% हो गई है। यानी सिर्फ एक महीने में ही विदेशी संस्थागत निवेशकों ने इस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को 27% तक बढ़ा दिया है।
2. एमओएस यूटिलिटी लिमिटेड
यह कंपनी ट्रेडिंग इंडस्ट्री में काम करती है और इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 678 करोड़ रुपए है। कंपनी की स्थापना साल 2009 में हुई थी और यह यूनिफाइड ओपन API तथा वॉलेट प्लेटफॉर्म की सर्विस देने वाली एक फिनटेक कंपनी है। कंपनी का आरओसीई तथा आरओई क्रमशः 16.7% तथा 13.8% है।
कंपनी में विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी मार्च 2024 की तिमाही के अंत में 1.05% थी जो सितंबर 2024 के तिमाही के अंत में 19.05% थी। यानी सिर्फ 6 महीने में ही विदेशी निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी को करीब 18% तक बढ़ा दिया है।
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