Myths related to Mutual Fund SIP : एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने का चलन इस समय देश में अपनी चरम सीमा पर है। लेकिन एसआईपी करते वक्त निवेशक कई बार इससे जुड़े मिथकों को भी सच मान लेते हैं जिनके बारे में शायद उन्हें पता नहीं होता। इस आर्टिकल में हम एसआईपी से जुड़े 7 ऐसे ही मिथकों के बारे में बताने वाले हैं जिन पर निवेशकों को विश्वास नहीं करना चाहिए।
Myths related to Mutual Fund SIP : देश में इस समय सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी के माध्यम से म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने को लेकर जागरूकता बढ़ी है और हर कोई अपने-अपने हिसाब से इसमें निवेश कर रहा है। यही वजह है कि इस साल अक्टूबर के महीने में एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश की गई राशि पहली बार 25,000 करोड़ रुपए के पार चला गया।
एएमएफआई (AMFI) यानी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया के द्वारा 11 नवंबर को प्रकाशित डाटा के अनुसार अक्टूबर के महीने में एसआईपी बुक अभी तक के उच्चतम स्तर 25,322.74 करोड़ रुपए पर रहा जो पिछले महीने सितंबर में 24,509 करोड़ रुपए था।
इस डाटा को देखते हुए यह साफ पता चलता है कि लोग इस समय एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने को लेकर काफ़ी ज्यादा जागरूक तथा उत्साहित हैं। लेकिन कई लोगों को म्यूचुअल फंड्स में एसआईपी करते वक्त इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं होती जिस वजह से वे इससे जुड़े मिथकों को भी सच मानकर म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर रहे होते हैं।
ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए तथा हर एक निवेशक को एसआईपी करते वक्त इससे जुड़ी सभी जानकारी के साथ ही इससे जुड़े सभी मिथकों के बारे में भी पता होना चाहिए।
आज हम आपको म्यूचुअल फंड्स में एसआईपी से जुड़े 7 ऐसे मिथकों के बारे में बताने वाले हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए और उन पर आपको विश्वास नहीं करना चाहिए। आइए इन सभी मिथकों को एक-एक करके जानते हैं।
यह रहे वो 7 मिथक जिनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए!
मिथक – 1 : म्यूचुअल फंड्स में एसआईपी करने से बढ़िया रिटर्न मिलता है
म्यूचुअल फंड्स में एसआईपी करने से बढ़िया रिटर्न मिलने की कोई गारंटी नहीं होती है। आपका रिटर्न इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपने किस तरह के एसेट में निवेश किया है नाकि केवल इन्वेस्टमेंट प्लान पर।
हालांकि लंप-सम तरीके से निवेश करने के मुकाबले एसआईपी करने से लंबी अवधि में रिस्क कम जरूर होता है लेकिन इसका यह बिल्कुल भी मतलब नहीं है कि एसआईपी करने से आपको अपने निवेश पर बढ़िया रिटर्न मिल ही जाएगा।
मिथक – 2 : एसआईपी करने से आपको कभी नुकसान नहीं होता
ऐसा नहीं है कि अगर आप म्यूचुअल फंड्स में एसआईपी करते हैं तो आपको कभी नुकसान नहीं होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि जब भी बाजार में गिरावट होगी तब आपके निवेश पर मिल रहे रिटर्न में भी कमी आएगी और कभी-कभी ऐसा भी होगा कि वह रिटर्न निगेटिव भी देखने को मिलेगा।
मिथक – 3 : एक बार अपने निवेश करना शुरू कर दिया तो आप अपने एसआईपी की तारीख को बदल नहीं सकते
कई लोगों को ऐसा भी लगता है कि एक बार उन्होंने जिस तारीख पर एसआईपी करना शुरू कर दिया तब वह इसकी तारीख को बदल नहीं सकते।
ऐसा बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि एसआईपी आपको अपने हिसाब से आपकी निवेश की राशि तथा अवधि को बदलने की सुविधा देता है। यहां तक कि आप अगर चाहें तो जरूरत पड़ने पर अपने फंड हाउस को बोलकर अपने एसआईपी को रोक भी सकते हैं।
मिथक – 4 : एसआईपी में हर महीने की बजाय हर हफ्ते निवेश करने से बढ़िया रिटर्न मिलता है
कई बार लोग ऐसा भी मान लेते हैं कि म्यूचुअल फंड्स में एसआईपी की फ्रिक्वेंसी को बढ़ा देने से उन्हें बढ़िया रिटर्न मिल जाएगा। इसी वजह से वे मंथली एसआईपी को छोड़कर वीकली एसआईपी का रास्ता अपने लेते हैं।
लेकिन ऐसा भी नहीं है बल्कि ऐसा करने से आप अपने इन्वेस्टमेंट को मैनेज या मॉनिटर करते समय बिना मतलब के उलझनों में भी फंस सकते हैं।
मिथक – 5 : अगर आप अपनी एसआईपी की राशि को मिस कर देते हैं तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है
वैसे तो आपको कभी भी अपनी एसआईपी की राशि को मिस नहीं करना चाहिए। लेकिन किसी कारणवश अगर आप एक या दो महीने के लिए ऐसा कर देते हैं तो आपको कोई जुर्माना नहीं भरना पड़ेगा।
लेकिन अगर आपने ऐसा लगातार तीन महीने तक कर दिया तब ऐसा भी हो सकता है कि आपके निवेश को कैंसिल कर दिया जाए और आपको अपनी एसआईपी को फिर से शुरू करने के लिए एक फ्रेश मैंडेट के लिए भी अप्लाई करने की जरूरत पड़ सकती है।
मिथक – 6 : एसआईपी की जरूरत सिर्फ इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने के लिए होती है
ऐसा नहीं है कि एसआईपी की जरूरत सिर्फ इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने के लिए होती है बल्कि एक्सपर्ट्स नॉन–इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में भी एसआईपी के जरिए ही निवेश करने की सलाह देते हैं क्योंकि इससे बिना मतलब के खर्चे कम होते हैं और निवेश को लेकर एक डिसिप्लिन भी बनता है।
मिथक – 7 : एसआईपी केवल छोटे निवेशकों के लिए ही फायदेमंद है
ऐसा भी नहीं है एसआईपी केवल छोटे ही नहीं बल्कि यह हर तरह के निवेशकों के लिए फायदेमंद है।
उम्मीद है म्यूचुअल फंड्स एसआईपी से जुड़ी यह जानकारी आपको पसंद आई होगी और भविष्य में म्यूचुअल फंड्स में एसआईपी करते वक्त इससे आपको काफ़ी फायदा होगा।
यह आर्टिकल केवल जानकारी के लिए है तथा किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सलाह नहीं देता। फाइनेंशियल वर्ल्ड ऑनलाइन वेबसाईट आपको किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सलाह नहीं देता। फाइनेंशियल वर्ल्ड ऑनलाइन वेबसाईट आपको किसी भी तरह के म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श लेने की सलाह देता है। म्यूचुअल फंड में किसी भी तरह के नुकसान के लिए फाइनेंशियल वर्ल्ड ऑनलाइन वेबसाईट या इसके लेखक किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं होंगे।